8 Jul 2015

योग का अर्थ

योग का अर्थ 
योग  शब्द  का अनेक  अर्थो  में प्रयोग  हुआ  है। जैसे जोड़ना ,मिलाना, रोकना आदि। 
क्या मिलाना ?, क्या जोड़ना ?
वास्तव में किन  अर्थो में योग का प्रयोग हमारे पूर्वजो ने ,साधु ,संतो  ने किया।?
  आत्मा के परमात्मा से मिलन के लिए। 
योग  शब्द का अर्थ अनेक उद्देश्यो के संबंध  में प्रयोग हुआ  है  जैसे 
                                           "युज्यते एतद इति योगः "   "  संस्कृत  व्याकरण "
          चित्त की वह अवस्था जिसमे चित्त की सब वर्त्तियो में एकाग्रता आ जाती है। 
           अर्थात   चित्त के किसी भी भाव के उत्पन होने  पर उसमे एकाग्र हो उसे समझकर ,
 उसका कारण जानते हुए विचलित न होकर  मानव  चित्त की जिस उच्च अवस्था में पहुचता है.
वह अवस्था ही योग कही  गयी है। 
          कही पर योग का प्रयोग उस साधन के  रूप में किया गया है जिससे वर्तियो में एकाग्रता आती है 
             "युज्यते  अनेन  इति योगः "
           कुछ जगह पर योग शब्द का उपयोग उस स्थान के रूप में किया गया है जहाँ चित्त की सब वर्त्तियो में     एकाग्रता आ जाती है 
              "युज्यते तस्मिन्  इति योगः "



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