नेति क्रिया
विभिन्न प्रकार से कपालप्रदेश का शोधन करने वाली क्रिया को नेति क्रिया कहते है। नेति क्रिया कई प्रकार की होती है जैसे:सूत्रनेती , रबर नेति, जलनेति ,दुग्ध नेति आदि।
हठयोग प्रदीपिका व घेरण्ड सहिंता में सूत्रनेति का ही विवरण है।
हठयोगप्रदीपिका में कहा गया है
सूत्रं वितस्ति सुस्निग्धं नासानाले प्रवेशयेत्।
मुखान्निर्गमयच्चेषा नेतिः सिद्धिनिर्गघते।।
सूत्रनेति :विशेष रूप से तैयार चिकनी व नौ इंच लम्बी सुत्र को नासिक में डालकर उसे मुँह से बाहर निकालना ही नेति क्रिया है। रबर नेति में सूत्र की जगह रबर का प्रयोग करते है। यह रबर विशेष रूप से तैयार की जाती है ,जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
जलनेति :जल को एक नाक से डालकर दूसरे नाक से निकाल देना ही जल नेति है। इसमे एक प्लास्टिक का नली लगा लोटा लेते है। लोटे में जल भरकर नली को नासाग्र से सटाते है। चेहरे को थोड़ा तिरछा करके लोटे से नली द्वारा जल को नाक के अंदर पहुँचाते है। स्वतः ही धीरे धीरे जल दूसरी नाक से निकलने लगता है। इसी प्रकार दूसरी नाक से भी करते है।दुग्ध नेति में जल की जगह दुग्ध उपयोग करते है।
जलनेति :जल को एक नाक से डालकर दूसरे नाक से निकाल देना ही जल नेति है। इसमे एक प्लास्टिक का नली लगा लोटा लेते है। लोटे में जल भरकर नली को नासाग्र से सटाते है। चेहरे को थोड़ा तिरछा करके लोटे से नली द्वारा जल को नाक के अंदर पहुँचाते है। स्वतः ही धीरे धीरे जल दूसरी नाक से निकलने लगता है। इसी प्रकार दूसरी नाक से भी करते है।दुग्ध नेति में जल की जगह दुग्ध उपयोग करते है।
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